वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग स्थित संगीत चिकित्सा प्रकोष्ठ एवं अनुसंधान केंद्र और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस), पटना के बीच शनिवार को महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के साथ ही भारतीय संगीत चिकित्सा और समग्र मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोगात्मक नवाचार का नया अध्याय शुरू हो गया। समझौते के तहत दोनों संस्थान भारतीय संगीत चिकित्सा के क्षेत्र में नैदानिक अनुसंधान, चिकित्सीय हस्तक्षेप, तथा संकाय एवं छात्रों के आदान-प्रदान के जरिए ज्ञान का विस्तार करेंगे। साथ ही भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भों के अनुरूप प्रभावी चिकित्सीय प्रोटोकॉल और स्क्रीनिंग टूल विकसित किए जाएंगे। समझौते में संयुक्त कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, शोध प्रकाशनों और सामुदायिक जन-जागरूकता गतिविधियों का प्रावधान भी शामिल है। एमओयू में यह भी स्पष्ट किया गया कि यह सहयोग पूर्णतः अकादमिक और गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए होगा तथा नैतिकता, गोपनीयता और बौद्धिक संपदा साझा करने के मानकों का पूर्ण पालन किया जाएगा। इस मौके पर काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी, निदेशक आउटरीच एवं एमओयू प्रो. संजय, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. शेफाली वर्मा ठकराल, एमटीसीआरसी के समन्वयक डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय उपस्थित रहे। वहीं आईजीआईएमएस, पटना से निदेशक सह कुलपति प्रो. बिंदेय कुमार, अध्यक्ष एमओयू समिति प्रो. ओम कुमार तथा डीन रिसर्च प्रो. राजेश कुमार समेत अन्य प्राध्यापक और अधिकारी मौजूद रहे।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के बीच एमओयू, संगीत चिकित्सा के नए युग की शुरुआत
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Arvind Rai
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