मिर्जापुर जिले में चक्रवात मोथा का असर दिखने लगा है। कई इलाकों में बारिश और तेज आंधी के चलते धान की खड़ी फसलें गिरने लगी हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। राजगढ़, हलिया, लालगंज, नारायणपुर और जमालपुर क्षेत्रों में खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है।राजगढ़ क्षेत्र के लूसा गांव के किसानों तुलसीराम और भगवानदास ने बताया कि पिछले दो दिनों से लगातार खराब मौसम के कारण लगभग 30 से 40 प्रतिशत धान की फसल गिर गई है। मौसम की यही स्थिति रही तो फसल पूरी तरह चौपट हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि धान गिरने से पुआल भी पशुओं के लिए इस्तेमाल लायक नहीं बचेगा।उपनिदेशक कृषि विकेश पटेल ने किसानों से अपील की है कि वे परेशान न हों। जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं, वे टोल फ्री नंबर 14447 पर शिकायत दर्ज कर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। शिकायत के बाद टीम मौके पर जाकर नुकसान का सर्वे करेगी और पात्र किसानों को बीमा की धनराशि उपलब्ध कराएगी।विकेश पटेल ने बताया कि खरीफ सीजन में जिले के लगभग 41,000 किसानों ने फसल बीमा कराया है। यदि किसी भी किसान की फसल प्रभावित होती है, तो वे प्रभावित होने के 75 घंटे के भीतर निर्धारित नंबर पर कॉल कर जानकारी दें। बीमा कंपनी सर्वे कर मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू करेगी। जिले के बाढ़ प्रभावित लगभग 300 राजस्व गांवों का भी सर्वे पूरा हो चुका है, जिनका अनुदान शीघ्र ही किसानों के खातों में पहुंचाया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में मोथा चक्रवात का असर हल्का है, लेकिन 30 और 31 अक्टूबर को इसका प्रभाव विशेष रूप से देखने को मिल सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि ऐसे मौसम में धान की कटाई न करें।
मिर्जापुर में चक्रवात मोथा का असर, धान की फसल पर संकट
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Arvind Rai
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