पूर्वी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उठ रहा खतरा: सेना हाई अलर्ट पर, ‘मोंथा’ बन सकता है भीषण चक्रवात

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नई दिल्ली। पूर्वी मध्य अरब सागर और दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। समुद्र में बने दबाव के क्षेत्र ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले 48 घंटों में यह प्रणाली चक्रवात ‘मोंथा’ का रूप ले सकती है। विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस दौरान हवाओं की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जो समुद्र तटीय इलाकों में व्यापक तबाही मचा सकती है। संभावित खतरे को देखते हुए भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, नौसेना और तटरक्षक बलों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सभी संबंधित सैन्य ठिकानों और तटीय चौकियों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए राहत सामग्री, हेलीकॉप्टर और रेस्क्यू बोट्स को स्टैंडबाय पर रखा गया है। इसी के साथ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने भी हालात पर कड़ी नजर बनाए रखी है। प्राधिकरण लगातार संबंधित राज्य सरकारों — ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक — के संपर्क में है। राज्यों को चेताया गया है कि वे तटीय इलाकों में पहले से ही राहत शिविरों, सुरक्षित स्थानों और आपात सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करें। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित हो रहे दो अलग-अलग दबाव क्षेत्र अगले कुछ दिनों में एक साझा प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे ‘मोंथा’ के तीव्र होने की संभावना और बढ़ जाती है। यदि सिस्टम की दिशा पश्चिमोत्तर रही, तो इसका असर गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों तक भी देखा जा सकता है।इस बीच, तटीय इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है। बंदरगाहों पर भी सुरक्षा उपाय तेज़ कर दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन को कहा गया है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह या दहशत फैलाने से बचें और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दें। एनडीएमए और सेना के संयुक्त प्रयासों से राहत एवं बचाव की रणनीति तैयार की जा रही है, ताकि यदि चक्रवात ‘मोंथा’ भूमि क्षेत्र की ओर बढ़े तो किसी प्रकार की जनहानि या बड़ी क्षति न हो। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह चक्रवात इस वर्ष का सबसे शक्तिशाली सिस्टम साबित हो सकता है, इसलिए आने वाले दो दिन बेहद अहम होंगे। सभी एजेंसियां चौकन्नी हैं और केंद्र सरकार ने कहा है कि “जनजीवन की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

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