महाराष्ट्र। गिरफ्तारियों की चेतावनी के साथ प्रदर्शन तेजमहाराष्ट्र के विदर्भ जिले के नागपुर में किसानों का व्यापक विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। प्रहार जनशक्ति पक्ष के संस्थापक एवं पूर्व मंत्री बच्चू कडू के नेतृत्व में हजारों खेतिहर किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा और ग्रामीण ट्रैक्टर-बलगाड़ियों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 44 और नागपुर-वर्धा रोड पर सड़क जाम कर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की प्रमुख मांग है पूर्ण और बिना शर्त कर्जमाफी, फसल नुकसान का मुआवजा, दिव्यांगों के लिए आर्थिक सहायता और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि।इस आंदोलन ने नागपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों में भारी यातायात जाम पैदा कर दिया है, जिससे स्थानीय जनता तथा व्यापार प्रभावित हुआ है। किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे आंदोलन जारी रखेंगे और गिरफ्तारी के लिए भी तैयार हैं। आंदोलन के तीसरे दिन भी किसानों ने हाईवे और रेलवे मार्गों पर चक्का जाम किया, जिससे ट्रकों और अन्य वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए बड़े पैमाने पर फ़ोर्स तैनात किया है और हाईकोर्ट के आदेश के तहत प्रदर्शन स्थल को खाली करने का अनुरोध किया गया है, लेकिन किसानों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। बच्चू कडू ने मुंबई में उच्च स्तरीय वार्ता में शामिल होने से इनकार किया है और कहा कि बातचीत तभी संभव है जब किसानों की मांगों पर ठोस निर्णय हो।सरकार ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक का प्रस्ताव रखा है, लेकिन किसान नेता नागपुर में ही आंदोलन के साथ डटे हुए हैं। आंदोलन में मजदूर, किसान संगठन और ग्रामीण समुदाय भी शामिल हैं, जो सरकार के प्रति गहरी नाराजगी जता रहे हैं। किसान नेताओं ने राज्यव्यापी रेल रोको आंदोलन की भी चेतावनी दी है।बच्चू कडू ने कहा, “हम तब तक नहीं लौटेंगे जब तक कर्जमाफी और फसल का उचित मुआवजा नहीं मिलता। यह आंदोलन केवल किसानों तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे ग्रामीण क्षेत्र की एकता का प्रतीक है।” उन्होंने सरकार से जल्द संजीदा फैसला लेने की अपील की है, अन्यथा आंदोलन और तेज होने की संभावना जताई है।इस प्रकार नागपुर में किसानों का यह ‘महा एल्गार’ आंदोलन व्यापक जनता के लिए अब एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिससे सरकार की संवेदनशीलता और नीति निर्धारण की परीक्षा हो रही है।








